सदन के नेता चुने गए,,,,,,,,,,,,,लेकिन खुद को बताया ‘विपक्ष का नेता’,,,,,,, अब सोशल मीडिया पर हो रहे ट्रोल

पाकिस्तान से अजब गजब खबरें तो आती ही रहती हैं ,,,,,अब एक और मजेदार खबर सामने आयी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,काफी जद्दोजहद के बाद ये तय हुआ की शहबाज़ शरीफ, जो की राजनीतिक रूप से ताकतवर शरीफ परिवार से आते है और खुद भी पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं,,,वो देश के प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी सदन के नेता चुने गए

लेकिन इलेक्टेड और सिलेक्टेड नेता का फर्क तो पता चल ही जाता है क्योंकि जब बोलने की बारी आये तो शरीफ साहब की जबान फिसली और उन्होंने खुद को ‘विपक्ष का नेता’ बता दिया,,,,,आसपास के लोगों ने भी सुना पर किसी ने या तो ध्यान नहीं दिया या टोका नहीं ,,,,,,,,,,

अब ये वीडियो हो गया वायरल ,,,,,चुने तो गए हैं सदन के नेता लेकिन खुद ही को बता दिया विपक्ष का नेता ,,,,,,,,,,,,,,,सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो कहाँ छुपने वाले हैं ,,,,,,,,,,,,,,,

सो तुरंत ही ये वीडियो वायरल हो गया,,,,,,,,,,,,,और सबसे ज्यादा मजे लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने,,,,,इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने शरीफ के पार्टी पर जनमत चोरी करने का आरोप लगाया है और वादा किया है की वो गठबंधन वाली इस कमजोर सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहेंगे

मालूम हो की पाकिस्तान में सेना ही जोड़ तोड़ के सरकार बनाया करती है और इस बार उन्हें शरीफ परिवार में से किसी को सत्ता में लाना था,,,,,चुनाव हुए तो उसमें भी इमरान खान की पार्टी को काफी समर्थन मिला पर सेना के इशारे पर शरीफ और जरदारी की पार्टी ने हाथ मिलाया और अब ये गठबंधन की सरकार बन गयी है

चुकी सरकार गठबंधन की है और मुश्किलें ढेरों आने वाली हैं तो नवाज़ शरीफ जो अपनी पार्टी के प्रमुख हैं और तीन बार के प्रधानमंत्री भी,,,,,,,,,,,,,,उन्होंने एक बार फिर अपने भाई शहबाज़ शरीफ का नाम आगे बढ़ाया और उसको पीएम पद पर बिठा दिया

आर्थिक चुनौतियों से जूझता पाकिस्तान,,,,उद्योग धंधे सब ठप्प हो चुके हैं और अब कहीं से आर्थिक मदद मिलने की भी उम्मीद नहीं है ,,,,,,,,,,,,,

पाकिस्तान में हालात दिन ब दिन ख़राब हो रहे हैं और सेना शरीफ परिवार के जरिये से भारत से किसी स्तर तक का भी व्यापार और पर्यटन शुरू करना चाहती है की कुछ तो आवक शुरू हो

लेकिन इतना भी तय है की पाकिस्तानी सेना ने हमेशा की तरह इस बार भी देश के लिए गठबंधन की सरकार जानबूझ के बनवाई है जिससे वो जब चाहे इसे गिरा सके और आखिर में फैसला उसी के हाथ में हो

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