भारत और ताइवान के रिश्ते लगातार अच्छे हो रहे हैं और दुनिया की और कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तरह वहां भी कामगारों की संख्या कम हुई है,,,,भारत दुनिया भर में मानव संसाधन का बड़ा केंद्र बन के उभरा है और हाल में ही इजराइल समेत यूरोप के कई देशों ने औपचारिक रूप से माइग्रेशन और मोबिलिटी एग्रीमेंट साइन कर भारतीय कुशल कामगारों को अपने यहां मौका देने का तय किया है जिससे उनकी अर्थव्यवस्था ठप्प ना पड़ जाए
पर ताइवान के मामले में एक बयान ने तूल पकड़ लिया है और अब भारत में हिन्दू संगठन इसे मुद्दा बना रहे हैं ,,,,,,,,,,,दरअसल ताइवान की श्रम मंत्री सू मिंग चुन ने बयान दिया है की उनका देश भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों से छोटी छोटी टुकड़ियों में नियुक्ति करेगा,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसा इसलिए क्योंकि ये ईसाई बहुल क्षेत्र हैं और रंग के साथ खान पान के मामले में ताइवान के लोगों से काफी समानताएं हैं
श्रम मंत्री ने आगे कहा की अगले छह से बारह महीने में पहला जत्था ताइवान पहुंच जायेगा,,,,,,,,,,अब इस बयान की चर्चा भारत के सोशल मीडिया पर हर तरफ हो रही है,,और तो और ताइवान में रहने वाली भारतीय मूल की पत्रकार सना हाश्मी ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है
मालूम हो की ताइवान सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में दुनिया की एक महाशक्ति है,,,,,,लेकिन चीन से बराबर खतरे में भी है,,,,,,,,,,,,चीन बेहद आक्रामक है और ताइवान पर पूरा पूरा नियंत्रण चाहता है