तो क्या अब भारत यूरोप के बीच इंटरनेट खतरे में है ???

आप ने सुना तो होगा की लाल सागर में हूथी विद्रोही गुटों ने व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है. उनकी मांग है की इजराइल गजा में हमले बंद करे नहीं तो हूथी लाल सागर से मालवाहक जहाजों को गुजरने नहीं देंगे.

हालांकि दुनिया के कई देशों ने इस खतरे से निपटने की कोशिश की है और यथासंभव व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा देने का प्रयास किया है. भारत भी अदन की खाड़ी से लेकर अपनी समुद्री सीमा तक जहाजों को सुरक्षा मुहैया करा रहा है.

मगर अब जो जानकारी सामने आयी है वो ये है की लाल सागर में ही कम से कम चार इंटरनेट केबल कटे पाये गए हैं. ये केबल एशिया के कई देशों और यूरोप के बीच डाटा का आदान प्रदान करते थे.

ये ठीक से नहीं मालूम की इंटरनेट केबल्स को कैसे नुकसान पंहुचा पर ये जरूर माना जा रहा है की ये हूथी विद्रोही गुटों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में हुआ है.

ज्ञात हो की इस क्षेत्र से कुल 15 इंटरनेट केबल गुजरते हैं जिनमें से चार को नुकसान हुआ है. प्रभावित इंटरनेट केबल में से एक टाटा कम्युनिकेशन्स के स्वामित्व वाला Seacom-TGN-Gulf line भी है जिसके बाद कंपनी ने इंटरनेट ट्रैफिक को री-रूट किया है.

मॉरिशस में स्थित सीकॉम ने भी कन्फर्म किया है की उनके इंटरनेट केबल को नुकसान पंहुचा है और इसे बनाने में 2024 की दूसरी तिमाही तक का समय लग सकता है.

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