बिना वोट दिए भी घुसपैठिये अमेरिकी चुनाव में निर्णायक, जानें कैसे

अमेरिका में ये चुनावी साल है और जहाँ आम तौर पर दुनिया भर के मुद्दे इन चुनावों में हावी हुआ करते थे, इस बार केवल और केवल घुसपैठ बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है.

अब लगभग ये स्पष्ट हो चला है की राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प और बाइडेन आमने सामने होंगे। तो अब चुनावी दावपेंचों की खुल के चर्चा होने लगी है. एक बड़ा खुलासा जो X के मालिक एलन मस्क ने किया है वो चौकाने वाला है.

इससे यही पता चलता है की जनमत ज्यादातर वास्तविक नहीं होता क्योंकि बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है की वोट एक ही तरफ जाए या वोट बेकार हो जाए.

अमेरिका का बड़े कारोबारी एलन मस्क का अब बड़ा दावा है की कैसे बिना वोट दिए भी घुसपैठिये अमेरिकी चुनावों में नतीजों पर बहुत असर डाल सकते हैं और इसलिए सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक दल उन्हें देश के बाहर भेजने में रूचि नहीं रखता।

मस्क ने समझाया है की अमेरिका में सेन्सस में घुसपैठियों को भी गिना जाता है और इस आधार पर ही तय होता है की किस राज्य को अमेरिकी संसद में कितनी सीट मिलनी है. इस तरह घुसपैठियों की संख्या जयादा हो तो कई डेमोक्रेटिक प्रभाव वाले राज्यों को ज्यादा सीटें अलॉट होंगी।

मस्क ने आरोप लगाया है डेमोक्रेटिक प्रभाव वाले राज्यों में इसी तरह कोई 20 सीटें ज्यादा मिली हुई है और यही कारण है की ये राज्य घुसपैठियों को देश से बाहर नहीं करना चाहते।

अब ये बहुत बड़ा खुलासा है और दुनिया को भी ये सन्देश जाता है की सिर्फ घुसपैठियों की संख्या से अमेरिकी चुनावों को प्रभावित किया जा सकता है. कोई नहीं जानता की इसके बाद अमेरिका के लिए मानव तस्करी में कितनी तेजी आएगी। क्योंकि इससे सन्देश तो यही जाएगा की दुनिया के सबसे ताकतवर देश में सिर्फ बाहर से घुसपैठ करनी है और धीरे धीरे चुनाव में बाहरी पूरी तरह हावी हो सकते हैं.

मस्क के इस खुलासे के बाद अमेरिका के एक चुने हुए प्रतिनिधि थॉमस मासी ने स्थिति को और भी स्पष्ट किया है. उन्होंने समझाया है की किस राज्य की अमेरिकी संसद में कितनी सीटें है उसी आधार पर प्रत्येक राज्य के वोट की संख्या भी तय होती है राष्ट्रपति चुनाव के लिए. तो इस तरह, मासी कहते हैं, हालांकि घुसपैठिये वोट नहीं करते पर सिर्फ सेन्सस में गिने जाने के कारण वो एक राजनीतिक दल को लाभ पंहुचा देते हैं

मासी ने उदाहरण स्वरूप समझाया है की जहाँ केंटकी राज्य में छह प्रतिनिधि हैं वहीं कैलिफ़ोर्निया में छह अतिरिक्त सीटें है क्योंकि वहां पर बाहरी जयादा संख्या में है.

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