जी हाँ,,,,अब जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक सभा चुनाव में जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं वैसे समय में नहीं भूलना चाहिए की दुनिया भर में युद्ध और टकराव के हालात जारी हैं.
जहाँ यूक्रेन में टकराव जारी है,,,अर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच भी युद्ध कभी भी भड़क सकता है. इतना ही नहीं,,,,,इजराइल भी गजा में सैन्य हस्तक्षेप रोकने के लिए तैयार नहीं है और वो लेबनान में भी सैनिक कारवाई कर रहा है.
जाहिर है की दुनिया भर में जहाँ इतने टकराव चल रहे हों तो इनका असर वैश्विक व्यापार पर पड़ता ही है. पर जहाँ कई देश अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों के दबाव में आ गए और उन्होंने रूस से मुँह मोड़ लिया,,,भारत ऐसे किसी दबाव में नहीं आया.
शुरुआत में कुछ धमकियां भी मिली और फिर मीडिया रिपोर्टिंग के जरिये से भारत के खिलाफ जनमत के लिए प्रयास हुए. मगर हर दांव को भारत में मोदी सरकार ने पटखनी दी.
इससे हुआ ये की जहाँ पुराने और विश्वसनीय दोस्त रूस से सम्बन्ध बने रहे और प्रगाढ़ भी हुए,,,,,,,,,,वहीं पश्चिमी पाबंदियों के चलते उपलब्ध सस्ते रूसी तेल का इस्तेमाल कर भारत अपनी अर्थव्यवस्था को सुचारु रख सका. आज भारत उन्ही कुछ निर्णयों के कारण दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन पाया है.
जहाँ भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना दुनिया को दिखा और इसके बारे में बातें भी हुई,,,,वहीं ये भी सच है की भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में सहयोग बढ़ा है जिससे भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर ना रहे.
तो इसीलिए व्लादिमीर पुतिन के फिर एक बार चुनाव जीतते ही जहाँ पश्चिम ने टीका टिप्पणी शुरू की प्रधानमंत्री मोदी ने ना सिर्फ पुतिन को बधाई दी बल्कि रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती से आगे बढ़ाने की भी बात कही.