कनाडा के लोकतंत्र पर उठे सवाल, क्या चीन की पसंद हैं जस्टिन ट्रूडो ? अब भारत मांगेगा जवाब ?

कनाडा के ख़ुफ़िया एजेंसी ने जाँच में पाया है की चीन ने कम से कम पिछले दो चुनावो में हस्तक्षेप किया है. कनाडा की ख़ुफ़िया एजेंसी CSIS के प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा की गयी रिपोर्ट के अनुसार चीन के सत्तारूढ़ दल का 2019 और 2021 के आम चुनावों में जबरदस्त हस्तक्षेप रहा है.

ये इत्तेफाक की बात है की दोनों चुनावों में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी की जीत हुई और वो खुद प्रधानमंत्री बन पाए.
भारत का नाम लेते हुए रिपोर्ट में कहा गया है की कम से कम 2021 के चुनावों में इस तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पहले ही ऐसे सभी आरोपों को गलत बताया है.

ये ध्यान रखना होगा की चीन के हस्तक्षेप को लेकर विपक्षी सांसदों के दबाव में ट्रूडो ने ये ख़ुफ़िया एजेंसी का जांच आयोग बनाया था. चीन के हस्तक्षेप के बारे में रिपोर्ट में बताया गया है की वो ऐसे दावेदारों को समर्थन दे रहा था जो या तो चीन के पक्ष में रहे हों या चीन के बारे में निष्पक्ष रवैय्या रखते रहे हों.

भारत के लिए इसमें चिंता की बात

कनाडा के साथ कोई आपसी विवाद का मुद्दा नहीं होना चाहिए था पर है. जस्टिन ट्रूडो ना सिर्फ चुनाव जीत कर आये पर उन्होंने खालिस्तान मुद्दे को पूरी तरह जिन्दा भी कर दिया। चीन के हस्तक्षेप पर उतनी बात नहीं होती पर भारत पर आरोप लगाने में ट्रूडो आगे रहते हैं. तो क्या ये निष्कर्ष निकालना गलत होगा की ट्रूडो और खालिस्तान मुद्दा को चीन का समर्थन मिल रहा है जिससे भारत को अस्थिर किया जा सके.

पाकिस्तान की पूरी कोशिश रही है खालिस्तान मुद्दे को हवा देने की पर वो तो असफल रहा है. फिर भी अब कनाडा में जगमीत सिंह और जस्टिन ट्रूडो कैसे ऊपर आये? ये तो भारत के लिए भी जाँच का विषय है. तो क्या आने वाले समय में भारत कनाडा से जवाब मांगेगा की उनके यहाँ चुनावी हस्तक्षेप भी होता रहा और भारत के खिलाफ माहौल भी बनता रहा.

अब जब चीन के हस्तक्षेप की बात खुद कनाडा का ख़ुफ़िया एजेंसी कह रही है और एक ही आदमी इससे लाभान्वित हुआ है तो क्या कनाडा के लोकतंत्र की रेटिंग नीचे जाएगी. क्या अब कनाडा भी एक इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी की श्रेणी में आएगा????

https://twitter.com/DavidKrayden/status/1777689621033308549

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *