भारत में गर्मी और चुनावी सरगर्मी के बीच भी विदेश मंत्रालय खबर बना रहा है. भारतीय सोशल मीडिया में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ट्रेंड कर रहे हैं. दरअसल अमेरिका में इन दिनों फिलिस्तीन के समर्थन में कई धरने प्रदर्शन हो रहे हैं.
कई बार ये उग्र भी हो रहे हैं और स्थानीय प्रशाशन को पुलिस के साथ दंगा विरोधी दस्ते का भी इस्तेमाल कर इसे काबू करना पड़ रहा है. इस पर फिलिस्तीन के समर्थक सरकार पर अत्यधिक दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगा रहे हैं.
उधर यहूदी और अन्य समुदाय के लोग भी इन उग्र प्रदर्शनों से खासे डरे हुए भी है और सहमे भी हैं. अब चुकी ढेरों भारतीय छात्र और छात्रा भी इन विश्वविद्यालओं में पढ़ते हैं, विदेश मंत्रालय से उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं.
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने जवाब देते हुए कहा की जहाँ वो विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता की पक्षधर है बाकी छात्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय ने आश्वस्त किया की वो भारतीय छात्रों के संपर्क में है पर इसी दौरान जैसवाल ने ये भी टिप्पणी किया की लोकतंत्रों को दूसरे ऐसे लोकतंत्रों के बारे में ठीक समझ रखनी चाहिए।
अमेरिका को लगभग टॉन्ट करते हुए रणधीर जैसवाल ने कहा की आखिरकार आपको मापने का पैमाना ये नहीं होता की आप बाहर क्या बोल रहे हैं पर ये होता है की आप घर में क्या व्यव्हार कर रहे हैं. ये जानना चाहिए की अमेरिका अक्सर भारत पर और उसके अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी किया करता है जबकि भारत में इसे ठीक नहीं समझा जाता.