मालदीव्स में मुइज़्ज़ु सरकार आने के बाद से भारत के साथ तल्खी बढ़ती ही जा रही है. चीन और तुर्की जैसे देशों की शह पर मालदीव्स की नयी सरकार भारत के प्रति बेहद आक्रामक हो गयी है.
पर हालांकि मालदीव्स के वर्तमान नेता मुइज़्ज़ु एक राष्ट्रवादी की छवि बनाना चाहते होंगे, उनकी मुश्किल ये है की आर्थिक रूप से वो पूरी तरह बाहरी मदद पर निर्भर हैं. अगर पर्यटन उद्योग बैठ जाए, तो मालदीव्स का दिवाला निकल जायेगा।
अब बीते महीनों भारत के साथ रिश्ते खराब कर चुकने के बाद मालदीव्स को समझ आ रहा है की आमदनी में भारी कमी आ रही है. बात यहाँ तक पहुंच गयी है की मालदीव्स के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल को भारत के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा है की भारतीय उनके देश में जरूर आना जाना करें क्योंकि वो इस पर निर्भर हैं.
मालदीव्स की मुइज़्ज़ु सरकार ने भारत के साथ संबंधों के महत्व को समझा नहीं और रिश्ते बिगाड़ते चले गए इस उम्मीद में की चीन इसकी भरपाई कर देगा. मामला यहाँ तक जा पंहुचा की भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय द्वीप समूह लक्षद्वीप के बारे में भी अभद्र टिप्पणी की गयी. लेकिन अब जब भारतीय पर्यटकों का टोटा पड़ने लगा है तो मालदीव्स सरकार के हाथ पैर फूल गए हैं. जहाँ इसी साल के शुरुआत में भारतीय मालदीव्स के पर्यटकों में शीर्ष स्थान पर थे, कुछ ही महीनों की तल्खी में अब भारतीय लोग इस द्वीप समूह के पर्यटन मानचित्र में छठे नंबर पर चले गए हैं. मालदीव्स जाने वाले भारतीयों की संख्या में इतनी तेज गिरावट से वहां की सरकार में चिंता पसर गयी है.
इधर मालदीव्स के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर भी मई 8-10 को भारत दौरे पर होंगे. ये मालदीव्स की ओर नयी सरकार में पहला उच्चस्तरीय दौरा होगा।