भारत में हिन्दू आबादी तेजी से गिरी है वहीं मुस्लिम आबादी में गजब की बढ़त देखी गयी है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है की 1950-2015 की अवधी में ही देश की हिन्दू आबादी में कोई 7.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है, वहीं इसी अवधी में मुस्लिम आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़त देखी गयी है.
अल्पसंख्यकों में केवल जैन और पारसी समुदाय में आबादी कम हुई है जबकि बाकी सभी समुदायों में 6.58 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है. ईसाई समुदाय की आबादी की बात करें तो 1950 में 2.24 प्रतिशत से बढ़कर 2.36 (2015 तक) फीसद तक जा पहुंची है.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने Share of Religious Minorities: A Cross-Country Analysis (1950-2015) नाम से एक रिपोर्ट जारी की है जिसके शोधकर्ता हैं शमिका रवि, अपूर्व कुमार और अब्राहम जोसे।
इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है की भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लिम बहुल राष्ट्रों में आबादी में बढ़त देखी गयी है. इसमें सिर्फ मालदीव्स अपवाद है जहाँ सुन्नी मुस्लिम आबादी में 1.47 प्रतिशत की कमी देखी गयी है. वहीं बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान में भी बहुसंख्यक आबादी बढ़ती गयी है पर अल्पसंख्यक कम होते चले गए हैं.
इस रिपोर्ट में इस बात को भी उल्लेखित किया गया है की जहाँ बीते छह दशकों में हिन्दू बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी कम होती गयी है वहीं मुस्लिम बहुल राष्ट्रों में बहुसंख्यक आबादी में बढ़ोत्तरी देखी गयी है.