क्या अमेरिकी कंपनियां भारत में परमाणु संयत्र लगाने के करीब हैं. क्या दोनों देशों में ऐसा कोई समझौता होने जा रहा है ? अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी ने इस ओर बड़ा इशारा दिया है.
दरअसल अमेरिका के हूवर इंस्टीटूशन में भारत अमेरिका नागरिक परमाणु संधी के सम्बन्ध में चर्चा आयोजित की गयी थी. इसमें ये मुद्दा भी आया की हालांकि इस परमाणु संधी से भारत अमेरिका के बीच विश्वास बढ़ा और सैन्य, ख़ुफ़िया क्षेत्रों में जबरदस्त समन्वय शुरू हो गया, पर भारत में अमेरिकी कंपनियां आज तक परमाणु संयंत्र स्थापित नहीं कर सकी.
इस पर बोलते हुए अमेरिकी राजदूत ने कहा की दोनों सरकारें चुपचाप काम कर रही है और यदि हाँ तक पहुंचने की मंशा हो तो ये पूरी तरह संभव है. पर राजदूत ने इस पर आगे कुछ कहने से इंकार कर दिया जिसका मतलब यही निकलता है की सब कुछ तय है और भारत में चुनाव बाद कोई बड़ी घोषणा हो सकती है.
ये ध्यान रहे की भारत एक बड़ा उत्पादन केंद्र बन कर उभरना चाहता है और इसके लिए उसे सतत, साफ़ और नियमित ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता होगी.