दुनिया जानती है की यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत रूसी तेल खरीद मामले पर पीछे हटने को तैयार नहीं था. भारत ना सिर्फ तबसे रूसी तेल खरीद रहा है, पर वो उसे शोधित कर दुनिया भर में बेच भी रहा है.
ये भी दुनिया ने देखा था की यूक्रेन युद्ध शुरू होने के कुछ महीनों तक अमेरिका ने भारत को इस मुद्दे पर कई तरह से घेरने की कोशिश की थी, यहाँ तक उसके एक अधिकारी ने भारत को नतीजों की धमकी भी दे दी.
लेकिन अब अमेरिकी राजदूत एरिक गरसेटी ने एक चौकाने वाला बयान दिया है जो किसी के गले नहीं उतर रहा है. खुद रूसी मीडिया ने इस बयान को लपक लिया है और वो इस पर अमेरिका की लानत मलामत कर रहे हैं.
अमेरिका में ही आयोजित एक कार्यक्रम में एरिक गरसेटी ने कहा की हम चाहते थे की भारत रूसी तेल ख़रीदे और वो भी कम से कम दाम पर,,,जिससे दुनिया भर में तेल सप्लाई में कमी ना हो. ये बयान हर तरह से हैरान करने वाला है क्योंकि आज भी पश्चिमी मीडिया भारत के इस फैसले पर सवाल उठाता है.
इसी कार्यक्रम में एरिक गरसेटी ने ये भी माना की भारत में रूस को लेकर सकारात्मक माहौल है क्योंकि जब पश्चिम के देश भारत के लिए उपलब्ध नहीं थे तब रूस भारत के साथ था.
भारत रूस के संबंधों पर एक और खुलासा करते हुए एरिक गरसेटी ने बताया की G 20 की शिखर बैठक के दौरान फाइनल ड्राफ्ट पर भारत ने रूस को सहमत किया वहीं अमेरिका ने बाकी यूरोप को.