जहाँ एक तरफ भारत्त के विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान को आतंकी देश बता रहे हैं और कई मंत्री नेता पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेने की बात कर रहे है, वहीं पाकिस्तान में लहजा बिलकुल अलग है.
जहाँ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के करीबी इशाक डार ने सत्ता में आते ही भारत के साथ व्यापार के लिए बेचैनी जगजाहिर कर दी, वहीं अब खुद पूर्व प्रधानमंत्री अब अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर रहे हैं. एक सभा के दौरान नवाज़ शरीफ कहते सुनें गए की वाजपेयी पाकिस्तान आये थे और उन्होंने लाहौर समझौता किया। पर इसके आगे नवाज़ शरीफ ने कहा की ये पाकिस्तान की गलती थी की इस समझौते का उल्लंघन हुआ. इसका पूरा पूरा दोष पाकिस्तान पर आता है.
ये बयान बहुत मायने रखता है. पाकिस्तान में इमरान खान जेल में है और फ़िलहाल नवाज़ शरीफ देश में सबसे कद्दावर नेता हैं जिनकी अपनी पार्टी पर पूरी पकड़ है, भाई शाहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री है और बेटी मरयम नवाज़ पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब की मुखिया हैं. इतनी सत्ता के होते ये भी माना जाना चाहिए की नवाज़ शरीफ को पाकिस्तानी सेना और ISI का भी पूरा समर्थन हासिल है.
पाकिस्तान पूरी तरफ लुटा पिटा देश हो चुका है और चीन के कर्जे, भारत ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के साथ सीमा पर तनाव है. पश्चिम के देश इतने उलझे हुए हैं की वो भारत को नाराज कर पाकिस्तान को एक खोटा पैसा भी नहीं देना चाहते। तो ऐसे में नवाज़ शरीफ के सामने उम्मीद यही होगी की मोदी सरकार फिर से चुन कर आये और व्यापार पर रास्ता खुले। पाकिस्तान में नेतृत्व ये भी चाहेंगे की भारत अमेरिका में भी उनकी पैरवी कर कुछ आर्थिक मदद दिलवा सके.