समय बलवान होता है,,,,और इस कहानी से साबित होता है

समय सबसे बलवान होता है,,,,,हिन्दुओं में तो परंपरा है काल की पूजा करने की और पंचांग में मुहूर्त के अनुसार कार्य करने को एक समय प्राथमिकता दी जाती थी.
समय बलवान होता है लेकिन आज हम इसकी चर्चा क्यों और कैसे कर रहे हैं।
आज इसलिए क्योंकि अपने छोटे से जीवन काल में बिलकुल विपरीत समय देखने का मौका मिल रहा है.
ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब भारत में रणनीतिकार इस बात को लेकर दावा किया करते थे की देश मे परमाणु परीक्षण के लिए चुनी हुई सरकारें तैयार थी पर हर बार अमेरिका को पता चल जाता था और तब दबाव में ये टेस्ट रोकने पड़ते थे .

तो अमेरिका दुनिया भर पर नजर रख पाता था. वो सबको बताता था की तुम ये कर रहे हो और ये करने योग्य है और ये कर रहे हो पर ये नहीं करना चाहिए ,,,,,,,,,,,,,हमें पसंद नहीं इसलिए इसे बंद करो

मगर अब आज अभी क्या हालात हैं। अमेरिका के सबसे सफल कारोबारी भी परेशान हैं और विचलित हैं. वो अमेरिका की बढ़ती मुश्किलों को लेकर अपने देश में जनमत तैयार करना चाहते हैं.

बात हो रही है एलन मस्क की जिन्होंने अपनी सरकार की नीतियों को एक बार फिर धिक्कारा है. दरअसल बलूम्बर्ग ने एक खबर चलायी की अमेरिका के पडोसी वेनेज़ुएला में हिंसा से होने वाली मौतों में भारी कमी आयी है

खबर में दावा किया गया है की वेनेज़ुएला में हिंसा से होने वाली मौतों में 22 साल के सबसे कम आंकड़े दर्ज किये गए हैं.

अब इसमें समय का खेल देखिये। वेनेज़ुएला अमेरिका का पडोसी देश है जहाँ तेल के भंडार भरपूर हैं लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई दर वाले देशों में गिनती होती है

यहाँ पर राष्ट्रपति हैं निकोलस मादुरो जिन्हे अमेरिका पसंद नहीं करता और सत्ता परिवर्तन चाहता है। वेनेज़ुएला में महंगाई दर अभी भी बहुत ज्यादा है पर कुछ साल पहले ये अंतर्राष्ट्रीय हैडलाइन बनी थी जब ये बताया गया की आप बोरे में भरकर वेनेज़ुएला की मुद्रा को होटल में ले जाएं और फिर भी आप एक समय का भरपेट भोजन नहीं खरीद पाएंगे।। इतनी महंगाई है और मुद्रा का इतना अवमूल्यन हो चूका है

तो ऐसे में वही हुआ जो होता है. लोगों ने पलायन करना शुरू किया। ढेरों लोग आस पड़ोस के देशों में गए और उन्हें वहां स्वीकार किया गया. पर फिर कई लोग अमेरिका का रुख किये। धीरे धीरे एक उद्योग सा बन गया। कैसे दक्षिण अमेरिका के देशों से एक ताकतवर और सम्पन्न देश अमेरिका में जाकर बस सकते हैं

तो ब्लूमबर्ग की कहानी में दरअसल इसी बात का इशारा है की वेनेज़ुएला में हालात बदले नहीं है और महंगाई और मुद्रा का अवमूल्यन भी पहले की तरह है फिर भी हिंसा में भारी कमी आना यही दिखाता है की बड़े पैमाने में लोग इधर अमेरिका में आ कर बस गए हैं

एलन मस्क भी इस खबर को प्रमुखता दे रहे हैं और कह रहे हैं की घुसपैठिये अमेरिका के दक्षिणी बोर्डर से घुसे आते हैं और अपने कागज जला देते हैं जिससे अमेरिका इन लोगों के देशों को ये ना कह सके की आपके लोग हमारे देश में घुस आये हैं और आप इन्हे वापस ले जाइये

कागज जला देने से वो शरणार्थी हो जाते हैं और शरण मिले न मिले,,,,,,,,,उनके आवदेन प्रक्रियाधीन रहते है और कुछ समय के डिटेंशन के बाद ये लोग अमेरिका की सड़कों पर निकल आते हैं,,,,इसमें अमेरिका को इन लोगों के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता,,,वो किन अपराधों में लिप्त रहे हैं और उनका चरित्र कैसा है.

तो अमेरिका की नीतियां एक समय सबसे सफल मानी जाती थी लेकिन आज का दौर है की उन्ही नीतियों के चलते तमाम मुश्किलों में घिरा होने के बाद भी वेनेज़ुएला में अपराध लगातार कम हो रहा है और अमेरिका में बढ़ रहा है

इतना की एलन मस्क भी चिंतित हैं और इसे चुनावी मुद्दा बनाने में लगे हैं

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