प्रचंड गर्मी और कुछ सरकार की गलत नीतियों का भुगतान अब लगता है पूरे समाज को करना होगा। All India Power Engineers Federation ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर अप्रत्याशित रूप में बड़ी खपत को लेकर चिंता जताई है.
पत्र में AIPEF का दावा है की जून 1 से 15 के बीच बिजली की मांग में बीते साल इसी अवधी के मुकाबले कोई 43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गयी है. हालात की गंभीरता की ओर ईशारा करते हुए AIPEF ने मुख्यमंत्री से अनुशंषा की है की कार्यालय का समय सुबह 7 से दोपहर बाद 2 बजे तक का ही रखा जाए. इसके आगे वो लिखते हैं की शॉपिंग मॉल और बाजारों को शाम 7 बजे तक ही खोला जाये।
AIPEF हालात से इतना चिंतित दिख रहा है की उसने राज्य सरकार से धान की रोपाई के काम को कम से कम जून 25 तक टाल दिया जाए और ये सुनिश्चित करना होगा की इसकी अवहेलना कोई भी करने ना पाए. उन्होंने सरकार से ये भी आग्रह किया की किसानो को कम पानी वाले धान की वैरायटी के लिए प्रोत्साहित किया जाए जिससे वाटर पंप चलाने की जरुरत भी कम पड़े. अत्यधिक पानी वाले PUSA 44 वैरायटी को प्रतिबंधित करने की भी बात AIPEF ने कही है.
सरकार से आग्रह किया गया है की वो मुफ्त बिजली वाली नीतियों पर फिर से गौर करे और ये भी की बिजली चोरी को गंभीर अपराध की श्रेणी में लाया जाये।