भारत की विदेश नीति इन दिनों अमेरिका समेत यूरोप के देशों के लिए सरदर्द बना हुआ है. हालांकि सामने से वो हर तरह से सहयोग की बात करते हैं, पर उनके मन में इस बात को लेकर भय और आशंका जरूर है की भारत अपनी स्वायत्त विदेश नीति को त्याग नहीं रहा है.
चीन, रूस और ईरान सहित अनेकों देशों से सीधी चुनौती के बीच पश्चिमी ब्लॉक की पूरी आशा सिर्फ इस बात पर है की भारत को अपनी ओर कर सकें। इतना बड़ा बाजार और मानव संसाधन यदि वो अपनी ओर कर सकें तो उनके पास तैयारी के लिए मौका होगा जिससे वो बाकी की चुनौतियों पर भी ध्यान दे सकें।
लेकिन भारत जहाँ पश्चिमी ब्लॉक के देशों के साथ खड़ा दिख रहा है सहयोग कर रहा है, वहीं वो रूस का साथ छोड़ने को कतई तौर पर तैयार नहीं है. इसके इतर चीन के मामले में भी भारत तैयारी तो कर रहा है, वहां से निर्भरता भी कम कर रहा है पर झगडे को बढ़ा नहीं रहा है.
इस तरह अमेरिका और यूरोप का सपना की वो भारत के बाजार को अपने वश में कर सकें और इस तरह अपना पुराना वर्चस्व कायम रख सकें, वो पूरा नहीं हो पा रहा है.
इसी सन्दर्भ में बीते दिनों में एक बॉलीवुड मूवी की तस्वीर वायरल हुई पड़ी है. करण जौहर की फिल्म “कुछ कुछ होता है” का ये सीन जिसमें दिखाया गया है की शाहरुख़ खान एक तरफ तो काजोल को गले लगाए थे वहीं दूसरी ओर वो रानी मुख़र्जी का हाथ भी पकडे हैं.
दुनिया भर में प्रमुख विदेश नीति विश्लेषक जैसे वेलिना चकारोवा, डेरेक ग्रॉसमैन और रिशप वत्स ने इस तस्वीर के माध्यम से डिबेट शुरू कर दिया है की भारत शायद कभी भी पूरी तरह पश्चिम के साथ खड़ा नहीं होगा. वो रूस का साथ कभी भी नहीं छोड़ेगा. सोशल मीडिया प्लेटफार्म X के पोस्ट में शाहरुख़ खान को भारत के रूप में दिखाया गया है जो काजोल (अमेरिका) को गले लगा रहा है पर रानी मुख़र्जी (रूस) का हाथ भी पकड़े है.
इंटरनेट पर गर्मागर्म चर्चा अब जोर पकड़ चुकी है.