चीन ने पाकिस्तान को बधाई दी ,,,,,,,,,,,,,,,,सफल राष्ट्रीय चुनाव के आयोजन पर
अब पता नहीं क्यों पर सोशल मीडिया पर लोग इस समाचार पर खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं और मजाक बना रहे हैं
कई लोगों का कहना है की चीन और पाकिस्तान आपस में चुनाव और लोकतंत्र के बारे में बात कर रहे हैं
ये अपने आप में कंटेंट है ,,,या कहें इंफोटेनमेंट है
पाकिस्तान में चुनाव लड़े पार्टियां और नेता पर चर्चा हो रही है इस्टैब्लिशमेंट की
इस्टैब्लिशमेंट नहीं समझे ?
पाकिस्तान में सेना को इस्टैब्लिशमेंट कहते हैं
ये भी कहते हैं की पाकिस्तान की सेना
लड़ाई कोई जीती नहीं और चुनाव कभी हारी नहीं
चीन का पाकिस्तान में निवेश है और वो इस देश पर पूरी तरह कब्ज़ा करना चाहता है
दोनों एक दूसरे से दोस्ती की कसमें तो खाते हैं पर रिश्ते में वो बाते नहीं,,,,,,वो गर्माहट नहीं है
घुसपैठ करने में महारत वाले पाकिस्तानियों को आज तक फीलिंग नहीं हुई की चीन की तरफ घुसपैठ करें
चीन ने जिस तरह शिनजियांग पर कब्जा किया है
उसी तरह पाकिस्तान पर भी करना चाहता है
पर उसके लिए जरूरी है की पाकिस्तानी सब शहरी हो जाएँ
सब चीनी टेक्नोलॉजी वाली मोबाइल के ग्राहक बन जाएँ
वो ठीक से हुआ नहीं अभी
इसलिए पाकिस्तान पूरी तरह से चीन के कब्जे में नहीं जा पा रहा है
दूसरा ये भी है की पाकिस्तान के सबसे ‘बड़े’ ,,,,,,,,,,,,उनका शुरू से पश्चिमी देश में जाना और सेटल करने का ट्रेंड रहा है
उनमें से कोई कभी चीन नहीं गया
ना अब जाना चाहता है
यही सब कारण है की ये रिश्ता ठीक से चल नहीं पा रहा है
नहीं तो भारत बहुत मुश्किल में होता
अब पाकिस्तानी दुश्मन देश भारत का इंटरनेट वाला कंटेंट देखते हैं
उसी पर रियेक्ट करते हैं पर चीनी सोशल मीडिया में उनकी कोई रूचि नहीं है
सिर्फ और सिर्फ गधों का आदान प्रदान होता है दोनों देशों में
रिश्तों में इतना सतहीपन है की
पाकिस्तान आतंक का पाठ्यक्रम चीन में नहीं सिखा सका
नहीं तो जिनपिंग की सत्ता को खतरा हो जाता
उसी तरह चीन ने जैसे तिब्बत और शिनजियांग को निगल लिया
उसी तरह पाकिस्तान को नहीं निगल सका
मार्टिकल आर्ट्स के लिए चीन मशहूर है
लेकिन वहाँ पर सब आज्ञाकारी हो गए हैं
इधर पाकिस्तान बना था कोई अहिंसा वाले बड़े नेता के सामने
इधर रोजाना मार पीट कुटाई लड़ाई और जबरदस्ती होती ही है
पर इस रिश्ते में अभी तक शादी या तलाक, दोनों नहीं हुआ है
लॉन्ग डिस्टेंस डेटिंग टाइप का मामला है
चलता ही जा रहा है