98 दिन तक चले वैज्ञानिक सर्वे के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट इंदौर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में पेश कर दी है। करीब 2000 पन्नों की रिपोर्ट है और इसमें कई महत्वपूर्ण खुलासे शामिल हैं। रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि भोजशाला एक मंदिर है या मस्जिद।
वर्तमान में, रिपोर्ट की प्राप्ति के बाद धार शहर और भोजशाला की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की गई है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस रिपोर्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट काफी स्पष्ट है और इसके आधार पर उनका मामला मजबूत नजर आता है। वकील जैन ने बताया कि इंदौर हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में उन्होंने दावा किया था कि भोजशाला परिसर एक हिंदू मंदिर है, जिसे वर्तमान में मस्जिद के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
एएसआई को 2 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था, लेकिन सर्वे कार्य पूरा न होने के कारण दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगने पर कोर्ट ने उन्हें मंजूरी दे दी थी। आज इस समय सीमा के समाप्त होने पर एएसआई ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
रिपोर्ट में एएसआई टीम द्वारा प्राप्त किए गए कई ऐतिहासिक प्रमाण और अवशेषों को शामिल किया गया है। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने दावा किया है कि इस सर्वे के आधार पर यह साबित होता है कि भोजशाला एक प्राचीन परमारकालीन इमारत है, जिसे राजा भोज ने 1034 ईस्वी में बनवाया था।
रिपोर्ट और इस मामले से जुड़ी अन्य जटिलताओं पर आगे की सुनवाई 22 जुलाई को की जाएगी।