अजब गजब दुनिया जिसमें परमाणु शक्ति संपन्न भारत और चीन के सैनिक हाथों से, लाठी डंडों से और फिर पत्थर चला कर लड़ाई करते दिखे. पर अब समाचार मिल रहा है की उत्तरी कोरिया ने बैलून के सहारे मानव मल पर प्रकार के कचरे को अपने प्रतिद्वंदी दक्षिण कोरिया की सीमा में भेजा।
ध्यान देने की बात है की उत्तरी और दक्षिण कोरिया मिसाइल और कई आधुनिक बमो से लैस हैं और दक्षिण कोरिया को तो अमेरिका की सरपरस्ती भी हासिल है. लेकिन दोनों देश अब झगडे निपटा रहे हैं बैलून के जरिये एक दूसरे की सीमा में मानव मल और कचरा फेंक कर.
मई के आखिर में उत्तरी कोरिया ने तकरीबन 200 की संख्या में बैलून के माध्यम से अलग अलग प्रकार का कचरा दक्षिण की सीमा में फिकवा दिया. ज्यादातर बैलून सीमावर्ती प्रांत Gyeonggi और Gangwon में गिरे पर कुछ South Gyeongsang तक भी पहुंचे पाये गए.
दक्षिण कोरिया में इस घटना को लेकर अत्यधिक सावधानी बरती गयी. लोगों से ऐसी कोई चीज़ को हाथ लगाने से मना किया गया और इसकी खबर सेना को देने भी आग्रह किया गया।
बाद में दक्षिण कोरिया के सेना अधिकारीयों ने इस बात की तस्दीक किया की कोई मानव मल तो नहीं मिला पर पुरानी बैटरी और अन्य कई प्रकार का कचरा मिला. हालांकि 2016 में जरूर उत्तरी कोरिया ने मानव मल सीमा के इधर फिकवाया था बैलून के माध्यम से.
उत्तरी कोरिया ने ये काण्ड दक्षिण कोरिया के कुछ एक्टिविस्ट द्वारा पर्चे फिकवाने के बाद किया. दक्षिण कोरिया के कुछ एक्टिविस्ट ने उत्तरी कोरिया के शाषकों के खिलाफ बातों वाले पर्चे सीमा पर फिकवाए थे जिसके जवाब में उत्तरी कोरिया ने भी कारवाई की.
हद तो तब हो गयी जब अमेरिका में पेंटागन की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी सबरीना सिंह से सवाल पूछा गया क्या अमेरिका दक्षिण कोरिया की मदद करेगा मानव मल से जवाबी पलटवार करने में.
इस पर हंस कर सबरीना सिंह ने कहा की ऐसी कोई योजना नहीं है.