मीडिया में ये खबर कहीं दब गयी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल चेन्नई के नजदीक कलपक्कम में फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर कार्यक्रम को आगे बढ़ता देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,इस रिएक्टर में ईंधन प्रदान करने की प्रक्रिया को पीएम मोदी की उपस्थिति में किया गया ,,,,,इस प्रक्रिया को core loading का नाम दिया गया ,,,,,,,,,,अब इस रिएक्टर को शुरू कर इससे ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी
पर बात सिर्फ यहीं तक नहीं है ,,,,,दरअसल ये रिएक्टर पूरी तरह भारत में डिज़ाइन और उत्पादित है. इसमें विशेषता ये है की यह ईंधन से ऊर्जा तो उत्पन्न करता ही है पर और अधिक ईंधन भी उपजाता है
यूरेनियम और प्लूटोनियम के मिक्स से बना ईंधन इस रिएक्टर में इस्तेमाल होता है और तब ऊर्जा के साथ साथ फिर से और यूरेनियम का उत्पादन भी करता है. इस तरह ये रिएक्टर से उत्पादित यूरेनियम एक बार फिर से तीसरे चरण के रिएक्टर में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे और भी अधिक ऊर्जा उत्पादन हो सके
पूरी प्रक्रिया कहीं न कहीं असीमित और अक्षय ऊर्जा की अवधारणा को साकार करती लगती है। भारत इस तरह का रिएक्टर ऑपरेट करने वाला रूस के बाद दुनिया का दूसरा देश होगा।
कलपक्कम में इस फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर की विशेषता ये है की इसमें थोरियम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है और बात वही की फिर से ऊर्जा के साथ और अधिक मात्रा में यूरेनियम का उत्पादन होगा। मगर जानने की बात ये है भारत के पास दुनिया भर में थोरियम का चौथाई रिज़र्व है. तो इस तरह भारत ऊर्जा के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर होने के करीब है
और ये तो सभी जानते हैं की किसी भी समाज के लिए ऊर्जा पर नियंत्रण बहुत आवश्यक है,,,,इसी से विकास के रास्ते खुलते हैं