भारत समुद्री व्यापार में महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर, ईरान के साथ आज हुई डील

भारत में चुनावी सरगर्मी के बीच देश समुद्री व्यापार में महाशक्ति बनने की ओर एक और मजबूत कदम उठा चूका है. भारत ने ईरान के साथ दस वर्ष के लिए चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन को अपने जिम्मे लेने के लिए संधी कर ली है. ये कदम कितना बड़ा और महत्वपूर्ण होने वाला है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं की चुनाव के मध्य पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को ईरान के लिए रवाना कर दिया गया.

भारत दस साल के लिए इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह का प्रबंधन अपने जिम्मे लेकर अफ़ग़ानिस्तान, मध्य एशिया और रूस तक व्यापार को मजबूती देना चाहता है. ज्ञात हो की भारत पाकिस्तान को पूरी तरह बाइपास कर मध्य एशिया, रूस तक पहुंच बनाना चाहता है. भारत के लिए आवश्यक हो गया है की वो कठिन आर्थिक परिस्थितियों से जूझते रूस की मदद करे और उसे चीन पर अत्यधिक निर्भरता से बचाये.

इस तरह ही भारत रूस वास्तविक रूप में एक बहुध्रुवीय दुनिया सुनिश्चित कर पाएंगे. भारत रूस दोनों काफी समय से INSTC कॉरिडोर पर काम आगे बढ़ाना चाह रहे हैं. ये कॉरिडोर चीन के BRI के लिए भी एक बड़ी प्रतिस्पर्धा बन कर उभरेगा.

भारत एक उत्पादन महाशक्ति बनना की और प्रयासरत है और विभिन्न देशों में पोत निर्माण और प्रबंधन में हिस्सेदारी से वो वैश्विक व्यापार का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा. हाल ही में भारत ने म्यांमार में सिटवे पोर्ट का जिम्मा लिया है और अब फिलीपींस के बताएं बंदरगाह पर भी बातचीत शुरू हो चुकी है. इधर भारत पहले ही इजराइल के हाइफा पोर्ट में हिस्सेदारी ले चुका है.

ईरान के साथ व्यापारिक और सामरिक संबंध मजबूत होने से भारत को पाकिस्तान को घेरने में भी मदद मिलेगी। वैसे भी ईरान और पाकिस्तान के सम्बन्ध कोई बहुत मधुर नहीं है. हाल ही में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लेकर कहा था की भारत को अब उधर सर खपाना नहीं चाहिए. उन्होंने आगे कहा की भारत के लिए पाकिस्तान संदर्भित नीति को बहुत पहले ताला लगा दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *