आर्थिक रूप से निढाल हो चुके पाकिस्तान को अब पूरी उम्मीद भारत से है ,,,,,,,,,,,,,,,2024 के संसदीय चुनावों के बाद पाकिस्तान की यही उम्मीद है की व्यापार और धार्मिक पर्यटन के रास्ते पाकिस्तान को भारत से कुछ मुद्रा मिलने लगे
पर इधर भारतीय विदेश मंत्री का रुख अब भी सख्त दीखता है ,,,,वो पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कोई भी छूट देने के मूड में नहीं है,,,,,,,,,वो कोई भी मौका मिलने पर पाकिस्तान को उसकी आतंकवाद की नीति को लेकर जमकर खरी खोटी सुनाते रहते हैं ,,,,,,,,,,पाकिस्तान के नीति निर्धारक भले उम्मीद से हो पर जयशंकर ने अब जो सार्क संगठन को लेकर कहा है उससे स्पष्ट है की पाकिस्तान को आमूलचूल परिवर्तन के लिए तैयार होना होगा और आतंकवाद की नीति को पूरी तरह त्यागना होगा ,,,,तभी वो भारत से कोई उम्मीद कर सकता है
अभी हाल में ही एक परिचर्चा में जयशंकर से फिर पूछा गया की क्या सार्क को लेकर भारत की कोई सोच है ?? इस पर भी जयशंकर ने बिना लाग लपेट के कह दिया की जब तक एक देश अपनी आतंकवाद की नीति नहीं छोड़ता तब तक इस बहुराष्ट्रीय संगठन के साथ काम कर पाना मुश्किल है
मालूम हो की भारत ने सार्क के बदले पाकिस्तान के बिना एक नया बहुराष्ट्रीय संगठन बिम्सटेक बना लिया है,,,,,,,,,,,,,,,इसमें भी ढेरों दक्षिण एशिया के देश शामिल है पर पाकिस्तान नहीं है
मालूम हो की पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 2016 में सार्क सम्मलेन होना था पर भारत इसके विरोध में हो गया क्योंकि देश में आतंकी हमला हुआ था,,,,,,,,,,,,,,तब से लेकर सार्क पूरी तरह ठप्प है
इधर भारत ने क्वाड, i2u2 और कई अन्य बहुराष्ट्रीय समूहों के माध्यम से विकास और उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ना जारी रखा ,,,,,,,,,,,अब खाड़ी देशों से लेकर श्रीलंका, बांग्लादेश, मॉरिशस और नेपाल जैसे पडोसी देशों के साथ भारत व्यापार और वित्तीय एकीकरण में काफी आगे जा चुका है
भारत कई विकसित देशों के साथ मिलकर अफ्रीका और प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों में भी विकास के कार्य कर रहा है पर पाकिस्तान पूरी दुनिया में बिलकुल अलग थलग पड़ा हुआ है
और तो और ईरान, अफ़ग़ानिस्तान के साथ भी भारत कई मोर्चों पर आगे बढ़ रहा है लेकिन पाकिस्तान हमेशा की तरह बर्बाद हाल पड़ा हुआ है
ऐसे में जब जयशंकर सार्क को लेकर बहुत आशान्वित नहीं हैं क्योंकि पाकिस्तान उसमें शामिल है तो पाकिस्तानियों के आने वाले दिन बहुत मुश्किलों भरे रहने वाले हैं