दुनिया भर में चौधराहट के लिए मशहूर अमेरिका में कानून व्यवस्था अब संभल नहीं रही है. एक अपेक्षाकृत उदारवादी समझे जाने वाले डेमोक्रेटिक प्रशाषन में भी प्रगतिशील और अमेरिका के विकास में बड़ी भूमिका निभाने वाले हिन्दू समुदाय में व्यापक डर पाया जा रहा है.
हालात इतने ख़राब हो गए हैं की जहाँ भारत सरकार के पास ये मुद्दा विचाराधीन है, वहीं भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों को अब हस्तक्षेप करना पड़ा है. कम से कम पांच अमेरिकी सांसदों जिनमें राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, एमी बेरा और श्री थानेदार शामिल हैं.
अमेरिकी न्याय विभाग को लिखे पत्र में इन सांसदों ने इस बात पर चिंता जताई है हाल में प्रार्थना स्थलों और विशेष तौर पर हिन्दू मंदिरों पर हमले बढे हैं. पर इसमें आश्चर्य की बात ये भी है की इन हमलों के जिम्मेदार को ना पकडे जाने से अमेरिकी हिन्दू समुदाय में व्यापक चिंता और डर का माहौल पनपने लगा है. इन सांसदों ने हिन्दू मंदिरों पर हुए हमलों की जाँच में प्रगति के लिए न्याय विभाग से एक संसदीय ब्रीफिंग की मांग की है.
विषय की गंभीरता को प्रेषित करते हुए इन सांसदों ने माना है की हमलों की जांच में प्रगति नहीं होने से हिन्दू अमेरिकी समुदाय में आशंका पनपने लगी है की क्या संघीय ढांचा उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है भी?? नफरत से भरी कुछ संगठित कार्रवाइयां ही एक पूरे समुदाय में डर और आशंका को उपजाने के लिए काफी है और इसलिए अब ये जरूरी हो गया की हिन्दुओं के खिलाफ हिंसात्मक घटनाओं में प्रगति पर खुल के बात हो.
अपने पत्र में इन सांसदों ने न्याय विभाग से य्ये सुनिश्चित करने को कहा है की संसदीय ब्रीफिंग 18 अप्रैल के पहले आयोजित की जाए.