जापान के गृह मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में कुछ नब्बे लाख घर खाली पड़े हैं. ये रिहायशी क्षेत्रों का कुल 13.8 प्रतिशत होता है. इन खाली पड़े घरों को अकिया कहा जाता है. जापान में जब बूढ़े गुजर जाते हैं या वृद्धाश्रम में चले जाते हैं और घरों का और कोई दावेदार नहीं होता तो ये खाली पड़े रहते हैं और धीरे धीरे पूरी तरह ख़राब हो जाते हैं.
राजधानी टोक्यो के बाहर भी हालात विकट बने हुए हैं क्योंकि कई वृद्ध लोगों ने अपने घर छोड़ समुदाय में रहने का फैसला किया. अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे तोहोकू और होकाईडो में भी आबादी बड़ी तेजी से गिरी है.
जहाँ पहले ये खाली घरों की समस्या ग्रामीण जापान तक सीमित थी वहीं अब ये बड़े शहरों के आसपास भी बनने लगे हैं. हालांकि अब कुछ लोगों ने इसका हल ढूंढने की कोशिश की है और इन खाली घरों को प्रॉपर्टी डेवेलपर्स के हाथों या पर्यटकों के लिए आधारभूत संरचना हेतु इस्तेमाल किया जाना शुरू होने लगा है.
पर मूल आबादी के घटने का सिलसिला जारी है और इसको रोकने का कोई उपाय फ़िलहाल सरकार के पास नहीं है.