मोदी ने कहा देश में शादी करो, अम्बानी ने कर दिखाया, देसी मार्किट को हुआ फायदा, भारत का ‘सॉफ्ट पावर’ भी दुनिया ने देखा

कुछ समय पहले की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक ही उत्तराखंड की एक सभा में देश से अपील की. उन्होंने कहा की युवा देश में ही शादी करें जिससे उस खर्च का फायदा देसी लोगों/मार्किट को हो.

इसके तुरन्त बाद ये बातें सोशल मीडिया में हाईलाइट होने लगा की कुछ समय पहले ही CAIT के एक सर्वे के अनुसार 2023 में ही शादियों के सीजन में कुछ पांच लाख करोड़ का व्यवसाय होना था.

तो इसका सीधा मतलब यही था की मोदी जनता और विपक्ष को एक साथ संदेश दे रहे थे,,,,,केवल तू तड़ाक और शिकायती होने से काम नहीं चलेगा,,,,,,,,,,,मोदी को भला बुरा कहने से भी नहीं चलेगा।

आर्थिक मोर्चे पर हर छोटे बड़े मौके को देखना समझना और टटोलना होगा। फिर ये भी तय करना होगा की एक देश के रूप में पहली प्राथमिकता हमारी अपनी अर्थव्यवस्था ही होनी चाहिए।

ऐसे समय जब भारत सरकार से उम्मीद की जाती है की वो विदेशी निवेश लाये और ढेरों नौकरियां सृजित करे,,,,वहीं जनता विदेशों में कहीं डेस्टिनेशन वेडिंग के नाम पर पैसा फेंके और अश्लील आयोजन करे,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये तो पानी भरे घड़े में छेद करने जैसा है।

भारत में हिन्दू शादिया आम तौर पर कई कई दिन चला करती हैं और उनमें कई रस्में भी होती हैं. इसमें नजदीकी परिवार के अलावा नाते रिश्तेदार, आस पड़ोस, दोस्त यार सभी शामिल हुआ करते हैं.

इसमें खान पान के इतर पहनावे पर भी काफी खर्च होता है. बल्कि इन्ही शादियों में और अविवाहित लोगों की रिश्ते की बातें भी चलने लगती हैं और सिलसिला सा लगा रहता है.

जहाँ शादियों में खर्च का आकलन तो आप कर सकते हैं,,,,,एक युवा देश जहाँ हर सीजन ढेरों शादियां होनी है,,,,,उसमें लोगों का एक साथ आना, परंपरागत गीत संगीत, युवा पीढ़ी को शादी की रस्मों से अवगत कराने का ये बेहतर मौका है. इसी तरह वो एक परिवार के होने का भान कर पाएंगे। इसका कोई मोल नहीं लगा सकता। ये एक परिवार समाज और लोकल इतिहास भी बनाता है.और विदेशी लोगों के सामने यही भारत का सॉफ्ट पावर भी होता है.

देश में लोकल स्तर पर शादी आयोजित करने में छोटे बड़े ढेरों ठेला व्यवसायी से लेकर ब्रांडेड शोरूम तक पैसा भी कमाते ही हैं. सब इस आयोजन में शामिल हो अच्छी यादें में साथ ले जाते हैं.

पीएम मोदी के wed in India वाले आव्हान के बाद सबसे पहले बॉलीवुड सितारे रणदीप हूडा की मणिपुर की लीन लैशराम से शादी चर्चा में आयी. हूडा ने भी इस शादी को महाभारत से जोड़ते हुए उदाहरण दिया की ये मिलन भी उसी तरह का है जैसा अर्जुन और चित्रांगदा का था

अम्बानी की शाहखर्च प्री वेडिंग इवेंट

अनंत अम्बानी-राधिका की प्री वेडिंग इवेंट गुजरात के जामनगर में आयोजित थी. अब तक जितने भी विसुअल सामने आये हैं उसमें यही मालूम होता है की इनमें ढेरों विदेशी लोग तो शामिल थे पर उसमें फूहड़ता नहीं थी.

सभी कायदे के देसी अंदाज के कपड़ों में नजर आये. जब दुनिया भर के बड़े बड़े नाम भारत की इस प्री वेडिंग में शामिल होने आये तो निश्चित था की वैश्विक मीडिया भी इस इवेंट को कवर करता ही और किया भी. इससे एक बार फिर स्थापित हुआ भारत का सॉफ्ट पावर. बिना फूहड़ता और अश्लीलता के भी इवेंट हो सकते हैं, ये साबित हुआ.

रिहान्ना गुजरात के जामनगर में आयी लेकिन यूरोप के प्रदर्शन करते किसानों से मिलने नहीं गयी,,,,,,,,,,इससे उनके प्राथमिकताएं सबके सामने आ गयी. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटी दामाद (इवांका और जैरेड कुशनर) शादी में खुश दिखे,,ये कहीं न कहीं शादी के इवेंट के जरिये ट्रम्प को साधने का सफल प्रयास भी हो सकता है. इवांका ट्रम्प की सबसे चहेती बेटी मानी जाती है और ट्रम्प प्रशाषन में जैरेड कुशनर की ही पहले कार्यकाल में भी खूब चली थी.

ये भी ध्यान रहे की राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प का दिल्ली दौरा हुआ था और भारत के उद्योगपतियों से निवेश को लेकर मुलाकात कर रहे थे. उसी दौरान मुकेश अम्बानी ने 5G नेटवर्क को लेकर दावा किया था की वो देश में ऐसे नेटवर्क गियर बना रहे हैं जिनमें एक भी पुर्जा चीनी नहीं होगा। ट्रम्प प्रशाषन उन दिनों चीनी 5G कंपनी हुआवेई के खिलाफ मुहीम चला रही थी और ट्रम्प अम्बानी के ये बात सुनकर काफी प्रभावित हुए थे.

अंत में अम्बानी की होने वाली बहू राधिका मर्चेंट के बारे में दो शब्द,,, इस इवेंट और उसमें से निकले विज़ुअल्स से देश की युवा लड़कियों के सामने एक सटीक उदाहरण आ गया है,,,,,,बॉलीवुड के चर्चित सितारे और देसी विदेशी मेहमानों के बीच ये लड़की हमेशा पूरी तरह ‘देसी’ अंदाज में ही दिखी और छाई रही ,,,,,,,,,,,,,,,वो उस पुराने दौर की याद दिलाती है जब शादी के घर में लड़कियों के हंसी गूंजा करती थी और दुल्हन अपनी शादी को लेकर वाकई उत्साहित दिखा करती थी. इस इवेंट से एक बार फिर देसी दुल्हन का दौर लौट आया है, कम से कम मानना तो यही चाहिए

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