अमेरिका में घुसपैठियों के खिलाफ जनमत तैयार हो रहा है और वहीं ये देश चीन के खिलाफ तैयारी के नाम पर AUKUS परियोजना भी चला रहा है. AUKUS में फ़िलहाल अमेरिका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया की मदद करने वाले हैं जिससे वो एक परमाणु पनडुब्बी को ऑपरेट कर सके.
अब ये जानकारी सामने आ रही है की AUKUS विस्तार किया जाना है और इसमें कनाडा, जापान, न्यूज़ीलैण्ड समेत दक्षिण कोरिया भी शामिल होंगे। तो क्या इन सब देशों को परमाणु पनडुब्बी दी जाने वाली है ??
चीन की घेराबंदी के नाम पर लागू की जा रही इस परियोजना से क्या भारत को खौफ नहीं होना चाहिए. चीन के इतर क्या भारत की घेराबंदी नहीं हो रही है ??
इसके अलावा भी हाल में ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जापान और फिलीपींस के नेताओं के साथ शिखर बैठक कर चीन को खुला सन्देश दिया है पर ये बात ध्यान रखने की है अमेरिका हमेशा इंटरऑपरेबिलिटी पर जोर देता है. इसका मतलब साथ में काम कर रही सेनाओं के पास एक जैसे हथियार हों तो आसानी होती है.
अब इसका मतलब तो ये निकला की भारत के आसपड़ोस में हर तरफ अमेरिकी सत्ता स्थापित हो रही है. भारत सिर्फ ये ना समझे की ये घेराबंदी चीन तक सीमित रहेगी।
अमेरिका में घरेलु स्तर पर जिस तरह घुसपैठ के खिलाफ जनमत तैयार किया जा रहा है उससे भी आशंका होती है. भारत को ये भी देखना होगा की अमेरिका उत्पादन पूरी तरह घर में ले जाने के लिए उत्सुक है.